tag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post4681299561749783139..comments2023-06-30T13:04:14.393+05:30Comments on संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण: कथा प्रारम्भ - बालकाण्ड (1)Anonymoushttp://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-39818375015720497762009-10-15T08:33:44.664+05:302009-10-15T08:33:44.664+05:30अवधिया जी आपके इस सुन्दर प्रयास को मेरा प्रणाम |
...अवधिया जी आपके इस सुन्दर प्रयास को मेरा प्रणाम |<br /><br />ऐसे महान प्रयास के पीछे इश्वार का आर्शीवाद जरुर रहता है | इश्वर आपको नित नई ऊर्जा दें और आप दुगुने गति से ऐसे महान कार्य को संपन्न करें ये मेरी कामना है |<br /><br />और अब समझ लीजिये की मैं आपके इस चिट्ठे से चिपक गया हूँ | देर सवेर ही सही पर हर कड़ी पढने की पूरी कोशिश रहेगी |Rakesh Singh - राकेश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/03770667837625095504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-91132561937373287832009-10-12T13:55:09.937+05:302009-10-12T13:55:09.937+05:30बहुत सुन्दर प्रयास और बहुप्रशंसनीय!बहुत सुन्दर प्रयास और बहुप्रशंसनीय!Gyan Dutt Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/05293412290435900116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-57900853532876875282009-10-12T11:14:45.408+05:302009-10-12T11:14:45.408+05:30शुभकामनाएं.
इससे पहले चिट्ठाजगत में शुक्लजी व जि...शुभकामनाएं. <br /><br />इससे पहले चिट्ठाजगत में शुक्लजी व जितु भाई द्वारा रामायण रखे जाने का सफल प्रयास हुआ था. <br /><br />आपका टिव्वीटर खाता हो तो रोज एक श्लोक गीता से वहाँ डाल सकते है. यह भी अच्छा काम होगा. इसे मात्र एक सुझाव माने. विचार आया तो लिख दिया.संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-70535844692848764842009-10-12T09:32:37.712+05:302009-10-12T09:32:37.712+05:30अवधिया जी,
शुभ कार्य के शुभारंभ के लिये आपको शुभ ...अवधिया जी,<br /><br />शुभ कार्य के शुभारंभ के लिये आपको शुभ कामनाएं!!!<br /><br /><b>आने वाली पिढियों को कुछ अच्छा पढने के लिये मिलेगा</b>.... और हमें भी.<br /><br />प्रयास जारी रखें.Pryashttps://www.blogger.com/profile/02922603391257434152noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-56474400840342166182009-10-11T23:42:00.925+05:302009-10-11T23:42:00.925+05:30बहुत बढ़िया कदम !!
बहुत बहुत बधाईयां और शुभकामनाएं...बहुत बढ़िया कदम !!<br />बहुत बहुत बधाईयां और शुभकामनाएं |<br />|| जय श्री राम ||<br />|| जय हिंद ||शिवम् मिश्राhttps://www.blogger.com/profile/07241309587790633372noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-65565839819216227632009-10-11T20:13:40.880+05:302009-10-11T20:13:40.880+05:30प्रिय अवधिया जी,
यह श्री रामजी की ही कृपा है कि व...प्रिय अवधिया जी,<br /><br />यह श्री रामजी की ही कृपा है कि वे आपसे ऐसा महत्वपूर्ण कार्य करवा रहे हैं.... श्री राम, श्री हनुमान आपको इस यज्ञ को पूर्ण करने की शक्ति दें..यह हमारी अभिलाषा है....DIVINEPREACHINGShttps://www.blogger.com/profile/03244839554643566764noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-10802343529981368972009-10-11T19:06:26.406+05:302009-10-11T19:06:26.406+05:30गिरिजेश जी,
टिप्पणी के लिए धन्यवाद!
मैं फिलहाल व...गिरिजेश जी,<br /><br />टिप्पणी के लिए धन्यवाद!<br /><br />मैं फिलहाल वाल्मीकि रामायण को संक्षिप्त और कथा के रूप में ही प्रस्तुत कर रहा हूँ ताकि रोचकता बनी रहे और लोगों की रुचि इस विषय में बढ़े। बीच बीच में श्लोक डालने से बहुत से लोग, जो कि कथा वाला रूप पसंद करते हैं, ऊबने लगेंगे। इसलिए फिलहाल तो सिर्फ कथा के रूप में। वाल्मीकि रामायण बहुत वृहत् है फिर भी प्रयास करूँगा कि अधिक से अधिक जानकारी इसमें समाहित होते जाएँ।<br /><br />लोगों की रुचि बढ़ी तो फिर सम्पूर्ण वाल्मीकि रामायण की श्रृंखला भी आरम्भ करेंगे जिसमें वाल्मीकि रामायण के समस्त श्लोक अर्थ सहित रहेगा।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-20359165412643803972009-10-11T18:57:55.651+05:302009-10-11T18:57:55.651+05:30दशहरे में गाँव गया था। अपने जन्म के पहले से ही पित...दशहरे में गाँव गया था। अपने जन्म के पहले से ही पिताजी के द्वारा बहुत दिनों तक पढ़ी गई वाल्मीकि रामायण से साक्षात्कार हुआ। बहुत दिनों बाद (हाँ बारहवीं तक मैं उसे पढ़ कर और चित्रों को देख कर सम्मोहित होता रहा था) एक बार पुन: ढेर सारे प्रिय प्रसंग पढ़ गया और आदि कवि की मानव चेतना से प्रभावित हुआ। पिताजी तो अब तुलसी रामचरित मानस पढ़ते हैं। <br /><br />एक पोस्ट लिखने को था - आलसी को समय तो लगना ही था कि आप ने बाजी मार ली। <br />अच्छा ही हुआ . . .<br /><br />हमारे माता पिता ने घर का एक वातावरण बनाए रख कर हमें बचपन से ही अपनी उदात्त परम्परा से जोड़े रखा। नए जमाने में इंटरनेट के द्वारा हम वह काम जारी रख सकते हैं। <br /><br />हो सके तो कुछ मार्मिक प्रसंग वाले संस्कृत श्लोक भी देवें न - सरल अर्थ तो गीताप्रेस वालों ने दिए ही हैं।<br />____________________________________<br />किराना घराने की रागदारी यहाँ न चले तो ही ठीक है। लच्छन अच्छे नहीं दिखते।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-37596590372356506882009-10-11T18:48:15.586+05:302009-10-11T18:48:15.586+05:30Aadarniya Awadhiya ji....bahut achcha laga padh ke...<b>Aadarniya Awadhiya ji....bahut achcha laga padh ke..........<br /><br />Maine school mein padhi thi Valmiki Ramayan......... aur aaj aapne padhai........ dhanyawaaad......aur Geeta Press to Hamare Gorakhpur ki shaan hai hi.........<br /><br />mere paas Geeta Press ki Valmiki Ramayan hai........ abhi Gorakhpur ja raha hoon........ aur Geeta press ki qitaabon ki zaroorat hogi to bataiyega.....<br /><br />saadar<br /><br />mahfooz<br /><br />JAI HIND</b>डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-37325746565177023532009-10-11T18:24:29.056+05:302009-10-11T18:24:29.056+05:30अच्छा लगा,वाल्मीकी रामायण के बारे में,अगले लेख की ...अच्छा लगा,वाल्मीकी रामायण के बारे में,अगले लेख की प्रतीक्षा रहेगी ।Vinashaay sharmahttps://www.blogger.com/profile/14896278759769158828noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-13308927406715794332009-10-11T17:17:48.279+05:302009-10-11T17:17:48.279+05:30मिश्रा जी,
टिप्पणी के लिए धन्यवाद!
मुख्य साहित्य...मिश्रा जी,<br /><br />टिप्पणी के लिए धन्यवाद!<br /><br />मुख्य साहित्य श्रोत पहली गीताप्रेस और दूसरी देहाती पुस्तक भण्डार से प्रकाशित क्रमशः सम्पूर्ण वाल्मीकि रामायण और संक्षिप्त वाल्मीकि रामायण हैं।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-5197429140641120302009-10-11T17:13:56.912+05:302009-10-11T17:13:56.912+05:30अवधियां जी आपने तो यह सचमुच बहुत अच्छा काम शुरू कि...अवधियां जी आपने तो यह सचमुच बहुत अच्छा काम शुरू किया है -हाँ साहित्य स्रोत भी देते चलें -जैसे यदि सीधे वाल्मीकि से लिया है तो किस अध्याय से किस अध्याय तक की कथा है .बहुत आभार !Arvind Mishrahttps://www.blogger.com/profile/02231261732951391013noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-36226671092934794562009-10-11T16:56:27.395+05:302009-10-11T16:56:27.395+05:30सुंदर कथा।सुंदर कथा।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-77509546459452470292009-10-11T16:52:07.291+05:302009-10-11T16:52:07.291+05:30आदरणीय अवधिया जी,
आपने यह बहुत ही बढ़िया काम की शु...आदरणीय अवधिया जी,<br />आपने यह बहुत ही बढ़िया काम की शुरुआत की है...हम जैसे लोगों को ऐसा सुअवसर कहाँ मिलता वाल्मीकि रामायण पढने का....ह्रदय से आभारी हैं आपके.....और प्रतीक्षा भी कर रहे हैं.....अगले कथावस्तु की....स्वप्न मञ्जूषा https://www.blogger.com/profile/06279925931800412557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-50961571234291844822009-10-11T16:27:35.188+05:302009-10-11T16:27:35.188+05:30धन्यवाद कैरानवी जी!
आपकी सलाह उचित है और एडसेंस ह...धन्यवाद कैरानवी जी!<br /><br />आपकी सलाह उचित है और एडसेंस हटाया जा रहा है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09998235662017055457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-7893658821360115472009-10-11T16:24:59.106+05:302009-10-11T16:24:59.106+05:30अलबेजा जी की तरफ से आना हुआ सोचा, 'चलते चलते&#...अलबेजा जी की तरफ से आना हुआ सोचा, 'चलते चलते' देख लिया जाये, गूगल की दान पेटी हटा दिजिये, यह इसका उचित स्थान नहीं है उसके लिये तो आपके पास ब्लाग है ही,Mohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-82609556239150251512009-10-11T16:21:49.972+05:302009-10-11T16:21:49.972+05:30acchi shuruat hai..acchi shuruat hai..Ambarishhttps://www.blogger.com/profile/10523604043159745100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-9200362842914834519.post-65948447758733371142009-10-11T15:58:13.757+05:302009-10-11T15:58:13.757+05:30क्या बात है अवधिया जी.........
कमाल कर दिया.........क्या बात है अवधिया जी.........<br /><br />कमाल कर दिया.......<br /><br />बहुत दिन क्षमा करें, बहुत वर्ष पहले वाल्मीकि रामायण का पठन किया था<br /><br />अब आपके सौजन्य से फ़िर हो जाएगा..........<br /><br />धन्यवाद और बधाइयांAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.com